HANUMAN CHALISA SECRETS

hanuman chalisa Secrets

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“Ailments are going to be finished, all pains will probably be gone, when a devotee consistently repeats Hanuman the courageous’s title.”

You happen to be golden coloured, you will be shining in the beautiful attire. You have got beautiful ear-rings inside your ear and curly hairs.

भावार्थ – आपने वानर राज सुग्रीव का महान् उपकार किया तथा उन्हें भगवान् श्री राम से मिलाकर [बालि वध के उपरान्त] राजपद प्राप्त करा दिया।

व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता भी कहा गया है। श्री सुषेण वैद्य के परामर्श के अनुसार आप द्रोणाचल पर्वत पर गये, अनेक व्यवधानों एवं कष्टों के बाद भी समय के भीतर ही संजीवनी बूटी लाकर श्री लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की। विशेष स्नेह और प्रसन्नता के कारण ही किसी को हृदय से लगाया जाता है। अंश की पूर्ण परिणति अंशी से मिलने पर ही होती है, जिसे श्री हनुमन्तलाल जी ने चरितार्थ किया।

Disorders might be ended; all pains will be long gone every time a devotee continually repeats Hanuman the brave’s title.

होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥ तुलसीदास सदा हरि चेरा ।

Fully mindful of the deficiency of my intelligence, I focus my interest on Pavan Kumar and humbly request energy, intelligence, and legitimate expertise to relieve me of all blemishes leading to agony.

It can be your decision; there's no particular rule to reciting Hanuman Chalisa. The greater you repeat, the greater you turn out to be near Lord Hanuman. Your brain ought to click here always be 100% centered on the Chalisa although reciting to encounter the grace of God.

NāsaiNāsaiEnd / damage / cured rogaRogaDisease haraiHaraiEnd / near / eradicated sabaSabaAll pīrāPīrāPains / conditions / afflictions / suffering

* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

भावार्थ – आपके भजन से लोग श्री राम को प्राप्त कर लेते हैं और अपने जन्म जन्मान्तर के दुःखाँ को भूल जाते हैं अर्थात् उन दु:खों से उन्हें मुक्ति मिल जाती है।

भावार्थ – आपने अत्यन्त विशाल और भयानक रूप धारण करके राक्षसों का संहार किया और विविध प्रकार से भगवान् श्री रामचन्द्रजीं के कार्यों को पूरा किया।

भावार्थ – ज्ञान और गुणों के सागर श्री हनुमान जी की जय हो। तीनों लोकों (स्वर्गलोक, भूलोक, पाताललोक) को अपनी कीर्ति से प्रकाशित करने वाले कपीश्वर श्री हनुमान जी की जय हो।

छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।

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